Author : Chetan Bhagat
ISBN No : 9781542040471
Language : Hindi
Categories : HINDI
Sub Categories : FICTION
Publisher : WESTLAND PUBLICATIONS
हाय मैं हूं केशव, और मेरी ज़िंदगी की लगी पड़ी हैं|
मुझे अपनी जॉब से नफ़रत है और मेरी गर्लफ्रेंड मुझे छोड़ गई|
आह, ख़ूबसूरत ज़ारा| ज़ारा कश्मीरी है| ज़ारा मुसलमान है| और मैंने आपको बताया या नहीं कि मेरी फैमिली थोड़ी-सी ट्रेडिशनल क़िस्म की है? खैर, रहने दीजिए|
चार साल पहले मेरा और ज़ारा का ब्रेकअप हो गया| वो मूव ऑन कर गई, लेकिन मैं वहीं का वहीं रह गया|
मैं उसकी याद को भुलाने के लिए हर रात ड्रिंक करता था| उसे कॉल करता, मैसेज करता, उसकी सोशल मीडिया एक्टिविटीज़ पर नज़र बनाए रखता| और वो? मुझे लगातार इग्नोर करती रहती| लेकिन, उस रात, अपने जन्मदिन पर, ज़ारा ने मुझे मैसेज किया और अपने हॉस्टल में बुलाया, जैसे पहले बुलाया करती थी| उसी रूम नंबर 105 में| मुझे उस रात वहां नहीं जाना चाहिए था, लेकिन मैं गया... और मेरी ज़िंदगी हमेशा के लिए बदल गई|
यह प्रेम कहानी नहीं है| यह कहानी है, उस प्यार की, जो ख़त्म नहीं हो सका|
‘फाइव पॉइंट समवन’ और ‘टू स्टेट्स’ जैसे उपन्यासों के लेखक चेतन भगत की क़लम से इस बार निकली है यह रोमांचक और मज़ेदार कहानी, जो इतनी तेज़ रफ़्तार से आगे बढती है कि एक बार पढ़ना शुरू करने के बाद आप उसे बीच में नहीं छोड़ सकते| यह कहानी है, जुनून की हद तक किए गए प्यार की, और आज के भारत में अपनी ज़िंदगी के मायने तलाशने की|