Author : KAVITA KANE
ISBN No : 9789389647150
Language : Hindi
Categories : HINDI
Sub Categories : FICTION
Publisher : MANJUL PUBLISHING HOUSE
कुंती व सूर्य देव के संसर्ग से कर्ण का जन्म हुआ, जिसे उसकी माँ ने जन्म लेते ही त्याग दिया। वह राजकुमारों जैसे भाग्य का अधिकारी था परंतु उसे एक पिछड़ी जाति के सूत ने गोद लिया और वह उनमें से एक बना।
एक क्षत्रिय राजकुमारी उरुवी ने उसे अपने स्वयंवर में अर्जुन के स्थान पर चुना और यह एक बड़े सामाजिक विरोधाभास का विवाह था। उरुवी को कर्ण के परिवार की स्वीकृति पाने के लिए उसके प्रति अपने प्रेम और असीम बुद्धिमत्ता को प्रकट करना पड़ा। अंततः वह कर्ण की सहयोगी, परामर्शदाता और मार्गदर्शक बनी। हालाँकि, दुर्योधन के प्रति अंधनिष्ठा के कारण कर्ण का पतन हुआ, जिसे बदल पाना उरुवी के वश में नहीं था।
इस पुस्तक को उरुवी के दृष्टिकोण से लिखा गया है, और यह पांडवों व कौरवों के बीच हुए संघर्ष की पृष्ठभूमि की अनेक परतों को खोलती है। यह सभी विरोधों से परे, प्रेम की विजय की एक काव्यात्मक व मौलिक गाथा है।